समूह सखी कैसे बने 2023 | समूह सखी क्या है | समूह सखी योजना के तहत प्रदान किया जाने वाला लोन

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स्वयं सहायता समूह क्या है?

लेख में क्या है?

भारत सरकार के राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत गावों की महिलाओ को सशक्त और उनको बैंक के माध्यम से जोड़ने के लिए स्वयं सहायता समूह को संचलित किया जाता है. इसमें कई महिलाये मिलकर एक समूह को बनती है और उसको अपने नजदीकी बैंक में जाकर समूह के नाम से एक खाता खोलकर संचालित किया जाता है. स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण ब्लॉक जाकर या नजदीकी जन सेवा केंद्र के माध्यम से किया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्र की 10 या 12 महिलाये मिलकर एक समूह का गठन कर सकती है. स्वयं सहायता समूह का उदेश्य ग्रामीण महिलाओ में बचत को बढ़ाना और उसकी आदत का विकास करना और समूह के माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है.

स्वयं सहायता समूह को अंग्रेजी में SHG भी कहा जाता हैSHG का Full Form Self Help Group’ होता है.

इन समूह में महिलाओ के द्वारा कुछ निश्चित धनराशी को प्रत्येक माह अंश दान के रूप में बैंक खाते में जमा की जाती है और जरूरत पड़ने पर कोई भी महिला अपने कार्य के लिए इस राशी को निकाल कर अपने कार्य को कर सकती है. और बाद में वह ब्याज के सहित उस राशी को वापस समूह के खाते में जमा कर सकती है.

इसके अतिरिक्त अब सरकार के द्वार कई कार्यो के लिए और ग्राम पंचायत्त स्तर कई प्रकार के फण्ड को समूह के खाते में भेजा जाता है. जिसको समूह के माध्यम से समूह के सदस्यों के देख रेख में खर्च किया जाता है.

स्वयं सहायता समूह में महिलाओं के लिए ऋण भी प्रदान किया जाता है. समूह के संचालन के कुछ समय के बाद बैंक स्वयं सहायता समूह के लिए एक निश्चित धनराशी के रूप में ऋण भी प्रदान करने की मंजूरी देती है. कोई भी समूह की महिला या कई महिलाये किसी कुटीर उद्योग को करने या किसी व्यसाय को करने के लिए इस ऋण का इस्तेमाल कर सकती है. स्वयं सहायता समूह लोन लेने के लिए किसी अन्य डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है और किसी भी चीज को गिरवी रखने ई जरूरत नहीं होती है. महिलाये प्रत्येक माह समूह की मीटिंग भी करती है और उसमे समूह की प्रगति और अन्य सभी प्रकार की योजनाओ के बारे में चर्चा भी की जाती है.

इस समूह की देखरेख के लिए एक समूह सखी की नियुक्ति की जाती है जो गाँव के 5 या 6 समूह की देख रेख और उसके सञ्चालन में महिलाओं को निर्देशित करती है. जिसके लिए सरकार के द्वारा उसे मानदेय भी प्रदान किया जाता है.

अब हम नीचे जानेंगे कि समूह सखी कैसे बने, समूह सखी का क्या कार्य है, समूह सखी की नियुक्ति कैसे होती है, समूह सखी को कितना वेतन मिलता है. समूह सखी बनने की लिए क्या योग्यता होनी चाहिए. Samuh Sakhi kya hai. समूह सखी कैसे बने ?

समूह सखी क्या है? समूह सखी की नौकरी

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रत्येक गाँव में या ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार के द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए स्वयं सहायता समूह को चलाया जाता है. इसके तहत कई लाभ समूह में शामिल महिलाओं को प्रदान किये जाते है. समूह के सञ्चालन के लिए समूह की महिलाओं में से ही एक अध्यक्ष एक कोषाध्यक्ष और एक सचिव की नियुक्ति की जाती है. जो समूह में होने वाले समस्त लेनदेन के लिए उत्तरदायी होती है और समूह के बैंक खाते को भी इन्ही के द्वारा संचालित किया जाता है. इन सभी पदाधिकारी महिलाओं को कोई वेतन नहीं दिया जाता है और न ही किसी समूह की सदस्य महिला को.

लेकिन समूह में इन सबके अतिरिक्त एक और महिला जुडी होती है जिसे समूह सखी के नाम से जाना जाता है, ग्रामीण क्षेत्रो में स्वयं सहायता समूह की देखरेख और उनको दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए समूह सखी की नियुक्ति का आदेश सरकार के द्वारा प्रदान किया गया है. गाँव में चल रहे समूह में से 5 या 6 समूह की देखरेख की जिम्मेदारी एक समूह सखी की होती है. समूह सखी सीधे ब्लाक स्तर से जुडी होती है और ब्लॉक स्तर पर आने वाली समस्त योजनाओ की जानकारी समूह तक पहुचाना और सरकार के द्वारा समूह के लाभ को पहुचाना समूह सखी की जिम्मेदारी होती है.

यदि ग्राम पंचायत में 5 या 6 से ज्यादा समूह है तो उसके लिए अन्य समूह सखी की नियुक्ति की जाती है, यानी अगर गाँव में 10 से 12 समूह है तो वहां पर 2 समूह सखी के पद महिलाओ को नियुक्त किया जायेगा. इसलिए आप अपने ब्लॉक जाकर इसके बारे में जानकारी हाशिल कर सकती है और अगर आप समूह सखी बनना चाहती है तो आप नीचे दिए गए दिशानिर्देशो को अवश्य पढ़े-

समूह सखी कैसे बने? – समूह सखी की नौकरी कैसे मिलेगी?

अगर आप समूह सखी बनना चाहती है तो इसके लिए आपको अपने ब्लॉक जाना पड़ेगा और वहां आपके ग्रामपंचायत में चलने वाले समस्त समूह की लिस्ट निकलवानी पड़ेगी. जब आपको आपके गाँव के समूह की लिस्ट मिल जाये तो आप राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ऑफिस जाकर यह जानकारी हासिल करे कि इन समूह के लिए पहले से कोई समूह सखी नियुक्त तो नहीं है. अगर आपके गाँव में कोई समूह सखी नियुक्त नहीं है तो आप समूह सखी पद पर अपनी नियुक्ति के लिए वहां के अधिकारी से निवेदन करना होगा. आपको समूह सखी की नियुक्ति के लिए एक आवेदन फॉर्म दिया जायेगा. आप उस फॉर्म को लेकर उसे भर कर और जरूरी दस्तावेज लगाकर उसे जमा करदे.

समूह सखी बनने के लिए योग्यता – पात्रता – समूह सखी कैसे बने

  • समूह सखी की नौकरी के लिए आप कम से कम आठवीं पास हो.
  • आपकी उम्र 18 से 35 वर्ष के मध्य होनी चाहिए.
  • आपके पास गाँव में चल रहे स्वयं सहायता समूह की जानकारी होनी चाहिए.
  • आपके पास समूह को दिशा निर्देश प्रदान करने की क्षमता होनी चाहिए.

समूह सखी बनने के लिए जरूरी दस्तावेज

  • पहचान का प्रमाण – आधार कार्ड/पैन कार्ड/वोटर आईडी कार्ड आदि
  • निवास का प्रमाण – आधार कार्ड/ वोटर आईडी कार्ड
  • बैंक पासबुक
  • मोबाइल नंबर

समूह सखी को मिलने वाला वेतन (मानदेय)

समूह सखी को कितनी सैलरी मिलती है आइये इसके बारे में जानकारी ले लेते है. आपको बताना चाहूँगा कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह में नियुक्त की गयी समूह सखी को उसके द्वारा किये जाने वाले काम के अनुसार सैलरी दी जाती है. समूह सखी को उसके द्वारा किये गए कार्य के अनुसार ₹1500 से लेकर ₹6000 तक का मानदेय प्रदान किया जाता है.

इसके अतिरिक्त समूह के किसी भी पदाधिकारी जैसे समूह के अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव या समूह के सदस्यों को किसी भी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाता है.

समूह सखी का कार्य

  • गाँव में समूह को खुलवाना
  • समूह के सञ्चालन के लिए उचित दिशा निर्देश प्रदान करना
  • समूह की कार्यवाही और मीटिंग को करवाना
  • स्वयं सहायता समूह के रजिस्टर को लिखवाना
  • ब्लॉक के द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओ की जानकारी समूह तक पहुचाना
  • स्वयं सहायता समूह के लिए ऋण की व्यवस्था करवाना
  • समूह के द्वारा जमा की गयी धनराशी और अन्य वित्तीय लेनदेन की रिपोर्ट राष्ट्रीय आजीविका मिशन ऑफिस जाकर सबमिट करना.
  • बैंकिंग लेनदेन में समूह की सहायता करना.
  • बचत और लोन पर लगने वाले ब्याज की जानकारी समूह की महिलाओ को देना

समूह सखी के लाभ

समूह सखी को सरकार के द्वारा बैंक सखी के रूप में भी कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया है, Bank Sakhi योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले में समूह से जुडी 150 महिलाओं का चयन किया गया है. इन महिलाओ को गाँव में पैसे निकालने के लिए CSC की तरफ से सिंगल फिंगर प्रिंट मशीन मुफ्त में उपलब्ध करायी जाती है और इनको पैसे निकालने के लिए सरकार की तरफ से पोर्टल भी उपलब्ध करवाया जाता है. समूह सखी बैंक सखी के रूप में गाँव में लोगो को पैसे निकालने और बिजली बिल जमा करने जैसे कार्यो को करती है.

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बैंक सखी को कितनी सैलरी मिलती है

समूह सखी के अंतर्गत Bank Sakhi के रूप में नियुक्त महिला को 6 महीने तक ₹4000 का मानदेय दिया जाता है इसके अतिरिक्त प्रत्येक बैंक सखी को लैपटॉप और डिवाइस की खरीद के लिए ₹50000 अतिरिक्त प्रदान किये जाते है ताकि वह पैसे निकालने, बिजली का बिल जमा करने और अन्य कार्यो को ऑनलाइन कर सके.

स्वयं सहायता समूह में अन्य पदों पर मिलने वाला मानदेय

SHG के अंतर्गत कार्य करने वाली महिला जैसे अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष को किसी भी प्रकार का वेतन नहीं दिया जाता है लेकिन समूह का लेखा जोखा आकर रजिस्टर का कार्य करने वाली महिला को सरकार की तरफ से ₹9000 प्रति माह वेतन के रूप में दिया जाता है.

बीसी सखी कैसे बने? बैंक सखी कैसे बने?

बैंक सखी योजना का शुभारम्भ 2020 में किया गया था. इसके तहत उत्तर प्रदेश के ग्रामीण अंचल तक बैंकिंग सुविधाओ की पहुच सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता थी. बीसी सखी योजना के पहले चरण में 56,875 समूह की महिलाओ का चयन किया गया था और 15 दिसम्बर 2020 के बाद इनका प्रशिक्षण करके इनकी तैनाती कर दी गयी है. बीसी सखी बनने केलिए आपको पहले प्रशिक्षण दिया जाता है और बाद में आपको परीक्षा पास करनी होती है. पुलिस सत्यापन के बाद बीसी सखी की नियुक्ति की जाती है.

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BC Sakhi Yojna Kya Hai?

बीसी सखी योजना के अंतर्गत समूह सखी महिलाओ नियुक्ति बैंक सखी के रूप में की गयी है इससे काफी महिलाओ को रोजगार के अवसर मिले है. पहले बीसी सखी के लिए अभ्यर्थी को प्रशिक्षण दिया जाता है और उसे आईआईबीएफ की परीक्षा भी ऑनलाइन करवाई जाती है. सभी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनको एक प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाता है.

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शुरुआत में बैंक सखी को 6 महीने तक 4 हजार प्रतिमाह वेतन भी दिया जाता है.

तो बैंक सखी कैसे बने, समूह सखी कैसे बने, समूह सखी के क्या लाभ है? समूह सखी का वेतन कितना है? इस सम्बन्ध में जानकारी पढ़कर आपको कैसी लगी. स्वयं सहायता समूह क्या होता है? स्वयं सहायता समूह को कितना मानदेय वेतन मिलता? इसके बारे अगर अब भी आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से पूछ सकते है. पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शेयर करे.

समूह सखी कैसे बनती है?

समूह सखी कैसे बने समूह सखी बनने के लिए आपके पास अपने गाँव में चल रहे स्वयं सहायता समूहों के बारे में जानकारी हो और आप समूह सखी की पात्रता को पूरा करती हो तो आप समूह सखी के रूप में कार्य कर सकती है.

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को कितना पैसे मिलता है?

स्वयं सहायता समूह में नियुक्त अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को कोई भी मानदेय नहीं दिया जाता है.

स्वयं सहायता समूह में कितने पद होते है?

स्वयं सहायता समूह में समूह सखी के अलावा समूह अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, सचिव और सदस्य के रूप में चार पद होते है?

समूह सखी की सैलरी कितनी है?

समूह सखी को 1500 रूपये से लेकर 6000 रुपये तक का मंदी दिया जाता है.

बैंक सखी का मानदेय कौन देता है?

सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग सेवाओ की पहुच के लिए नियुक्त बैंक सखी का मानदेय उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा दिया जाता है, यह मानदेय 6 महीने तक प्रत्येक महीने 4 हजार दिया जाता है.

समूह सखी की लिस्ट कैसे देखे?

समूह सखी की लिस्ट देखने या उसे प्राप्त करने के लिए आपको अपने ब्लॉक जाना होगा वहां आप राष्ट्रीय आजीविका मिशन के ऑफिस से यह लिस्ट प्राप्त कर सकते है.

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